maharathi
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अवतार आपका होगया संसार आपका हो गया।
अर्थ व्यर्थ अनर्थ का अब शास्त्र आपका हो गया।।दोहा।।
शिक्षा, सेहत, भोजन, कपड़ा, घर, गाड़ी इक्कीस।
मुझ को सब सुविधाऐं चाहिए मै हूँ एक रईस।।मुखड़ा।।
नौ सौ सरसठ रुपये दिये हर महिने सर्विस फीस।
सर्विस टैक्स दिया और राहत में देता चैबीस।।1।।
ग्यारह सौ हर माह लो प्रति व्यक्ति सरकार।
है परिभाषा आपकी नहीं हिलाना शीश।।2।।
तुम सा ना पहले हुआ ना होवेगा आगे।
हो गरीब के अर्थशास्त्री देता वो आशीष।।3।।
या ग्यारह सौ लीजिए दो सब सुविधा खास।
या फिर बदलो परिभाषा को नहीं बढाओ टीस।।4।।
अमरीका के हो गुलाम या नेता भारत वर्ष।
‘महारथी’ जन गण मन पूछे कौन उनका आधीश।।5।।
डा. अवधेश किशोर शर्मा ‘महारथी’
वृन्दावन, मथुरा (उ.प्र.)
+919319261067
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