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मेरौ भारत महान है (घनाक्षरी छन्द)

maharathi
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तऊ ऐसे दावे अरमान हैं ‘महारथी’ के कहतु है आजु मेरौ भारत महान है।।4।।

फटी सी फतुरिया औ लिपटी सी धुतिया पै

बखत की लठिया कूँ झेलत किसान है

खाद भयौ सोने भाव नाज कौ न भाव तऊ

ओरेन की मार सौं भयौ जू नुकसान है

मान है विदेशिया कौ अपुनौ न मान कहुँ

अपुनौ ही आजु देखौ गंदौ गिरेबान है

तऊ ऐसे दावे अरमान हैं ‘महारथी’ के

कहतु है आजु मेरौ भारत महान है।।1।।

नारायण नर भए नर ते पिशाच भए

छबि या की देखौ आजु बनी हैवान है

राम कौ न नाम कहूँ काम कौ न नाम कहूँ

औंधी ओछी बातनु पै लगि रहौ ध्यान है

मनु के औतारी कहाँ मति गई मारी तेरी

ऐसी करनी तें भयौ देश बदनाम है

तऊ ऐसे दावे अरमान हैं ‘महारथी’ के

कहतु है आजु मेरौ भारत महान है।।2।।

दंगा औ फसाद करें देश बदनाम करें

कुर्सी के वास्ते बनाते श्मसान हैं

खादी टोपी धोती खादी देखत के भोले भाले

भेड़ की शकल काम भेडि़या समान हैं

हर हर लेउ नेता आजु भारत देश में ते

लाशनु के ढेर पै सजामत दुकान हैं

तऊ ऐसे दावे अरमान हैं ‘महारथी’ के

कहतु है आजु मेरौ भारत महान है।।3।।

मेरौ पेट हाऊ और मैं नहीं देंगो काऊ

ये ही है नियम और ये ही संविधान है

वोटनु की बैंक यहाँ नोटनु की बैंक वहाँ

परदेशी बैंकनु में खातौ विद्यमान है

इनकौ चलै जो बसु खुरचि कफन लेवें

दफन करे पै कर लेते श्रीमान हैं

तऊ ऐसे दावे अरमान हैं ‘महारथी’ के

कहतु है आजु मेरौ भारत महान है।।4।।

डा. अवधेश किशोर शर्मा ‘महारथी

वृन्दावन, मथुरा (उ.प्र.)

+919319261067

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