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चन्दन (गीत)

maharathi
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सांपों के बीच में चन्दन होगा,

सोना तपेगा तो कुन्दन होगा

आने वाले को जाना है, बन्धन होगा।।मुखड़ा।।

पुन्य और पापों का हिसाब देखा जायेगा,

क्या कमाया तूने अब तक तब परेखा आयेगा

सबसे दुःखी तब तेरा, मन होगा।।1।।

फिर क्यों माया मोह के चक्कर में प्राणी फूला,

लक्ष्मी के चक्कर में तू नारायण को भूला

जायेगा तब दूर तन, धन होगा।।2।।

अब तो प्राणी मान जा तू हरि से डोर लगा ले,

माया में सोयी तू अपनी आंखों को जगा ले

कितना सलौना तेरा, मन होगा।।3।।

ध्रुव प्रहलाद सुदामा से जोगी धरती पर आये,

महारथी सी करनी उनको याद किया जाये

हर दिन जलेगा जो, रावन होगा।।4।।

डा. अवधेश किशोर शर्मा ‘महारथी

वृन्दावन, मथुरा (उ.प्र.)

+919319261067

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