Menu
blogid : 21368 postid : 1019097

सोडली

maharathi
maharathi
  • 84 Posts
  • 72 Comments

कुण्डलियाँ
==========================================
पायगौ ना लल्लू मिला कुण्डलियों के तार,
पहले दोहा आयगौ पुनि रौला की धार।
पुनि रौला की धार आदि सौं अंत मिलानौ,
छह पंक्तिनु में ही पूरौ मतलब समझानौ।
महारथी दोहा कौ अन्तिम चरण गायगौ,
रौला का वह प्रथम, कुण्डली मिला पायगौ।।कुण्डली।।
==========================================
सोडलियां
==========================================
सोडलियां लिखना नहीं, कठिन बहुत आसान,
रौला में दो सोरठा, राखि काफिया ध्यान।
राखि काफिया ध्यान, कुण्डली एक बनाओ,
मिलता पूरा मान, जहाँ जब चाहे गाओ।
महारथी ये लीक, प्रथम सीखो कुण्डलियां,
करो काफिया ठीक, बनैं सुंदर सोडलियां।।सोडली।।
==========================================

हिन्दी काव्य सृजन की एक नई विधा
हिन्दी काव्य सृजन की एक नई विधा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh