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यदि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाता है तो वे सभी साम्प्रदायिक लोग और पार्टियां जो अभी अभी केन्द्र सरकार से बेदखल हुए हैं या उनको अन्दर या बाहर से समर्थन दे रहे थे हंगामा करेंगे कि चीता के साथ अन्याय हो गया। कितना अच्छा हो कि चीता को राष्ट्रीय वन्य पशु और गाय को राष्ट्रीय पालतू पशु घोषित किया जाय। इस प्रकार इस पर वे सभी कानून प्रभावी हो जाऐंग जो चीता को मारने पर लगते हैं। गाय को सुरक्षा प्राप्त होना सम्भव हो सकेगा।
कुछ लोग वास्तव में धार्मिक उन्माद के वशीभूत हो कर दूसरे धर्म को जान बूझकर नीचा दिखाने के लिए गौ-हत्या करते हैं। यह सर्वथा अनुचित है। गाय को राष्ट्रीय पालतू पशु घोषित किया जाता है तो ऐसे साम्प्रदायिक तत्वों पर रोक लगेगी ।
मेरे विचार से सहमति रखने वाले समस्त गौ-प्रेमियों से निवेदन है कि वे अपने विचार इस विषय पर खुलकर लिखें तथा इस पोस्ट को इतना शेयर करें कि सरकार की आंख खुल जाय कि वह गाय को राष्ट्रीय पालतू पशु घोषित करने के लिए मजबूर हो जाय और साथ ही गौ-हत्या कर साम्प्रदायिकता फैलाने वाले लोगों को अगली बार गौ-हत्या करने का विचार करने से पहले सौ बार सोचना पड़े।
डा. अवधेश किशोर शर्मा ‘महारथी’
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