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दीवाली का दीवला बनाम दिवाला
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दीवाली का दीवला बना दिवाला खास
सब्जी आटा दाल के चढते भाव अकास।
चढते भाव अकास, छूट का बढा धमाका,
एक के संग फ्री एक जेब पे डालें डाका।
महारथी नकली मीठा अरु जेबें खाली,
दीवाला ले साथ आ गयी खास दिवाली।।कुण्डली-1।।
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दीवाली पर फूटते चकरी लड़ी अनार,
बात बात में उड़ गये पूरे चार हजार।
पूरे चार हजार, आ गयी ऐसी घडि़यां,
जेब से उड़ते नोट चले जैसे फुलझडि़यां।
महारथी राकेट उड़ाती है घरवाली,
दीवाला ले साथ आ गयी खास दिवाली।।कुण्डली-2।।
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दीवाली पर चढ गये हर वस्तू के दाम,
सोना चाँदी बिन लिए चले न अपना काम।
चले न अपना काम, माल है सब कुछ मंहगा,
बेटे की हो शर्ट घरारी का हो या लंहगा।
महारथी सज रही रात मावस की काली,
दीवाला ले साथ आ गयी खास दिवाली।।कुण्डली-3।।
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दीवाली पर चल रहा लम्बा रिस्की खेल,
गड्डी तासों की लिए मचती रेलम पेल।
मचती रेलम पेल, अंधउआ है ये कूआ,
संगातिन संग बैठ खेलते हम भी जूआ।
महारथी गए हार हाथ हैं दोनों खाली,
दीवाला ले साथ आ गयी खास दिवाली।।कुण्डली-4।।
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